गृहस्थी भी एक साधना हैं जहाँ मन तपता हैं और तन सधता हैं। गृहस्थी भी एक साधना हैं जहाँ मन तपता हैं और तन सधता हैं।
बड़े बड़े भोग विलासी, मंच पर मिथ्या भाषी बड़े बड़े भोग विलासी, मंच पर मिथ्या भाषी
हूँ हैरान में भी ये सब देखकर, जिसे दोस्ती तुम बता रहे हो। हूँ हैरान में भी ये सब देखकर, जिसे दोस्ती तुम बता रहे हो।
सब की तो इस जगत में चाहत होती पाएं प्यार, प्यार सहित जग स्वर्ग है सदा करें हम प्यार। सब की तो इस जगत में चाहत होती पाएं प्यार, प्यार सहित जग स्वर्ग है सदा करें हम...
मिथ्या है राष्ट्रवाद की परिभाषा, व्यर्थ जातिय धर्मी जय की पिपासा! मिथ्या है राष्ट्रवाद की परिभाषा, व्यर्थ जातिय धर्मी जय की पिपासा!
प्रभु प्रेम पाकर... इस जग मे नाम कमाओगे। जो सच्चा सुख पाना है स्वार्थ भाव छोड़ो प्यारे मानो या... प्रभु प्रेम पाकर... इस जग मे नाम कमाओगे। जो सच्चा सुख पाना है स्वार्थ भाव छो...